ना जियो धर्म के नाम पर
ना मरो धर्म के नाम पर
इंसानियत ही है धर्म वतन का
बस जिओ वतन के नाम पर
जब "इश्क़ और क्रांति " का अंजाम एक ही है
तो राँझा बनने से अच्छा है भगत सिंह बन जाओ
वतन पर जो फिदा होगा
अमर वह हर नौजवान होगा
रहेगी जब तक दुनिया ये
अफसाना उसका बयां होगा।
आजादी की कभी शाम न होने देंगे
शहीदों की क़ुरबानी कभी बदनाम न होने देंगे
बची है लहु की एक बूँद भी रंगो में
तब तक भारत माता का आँचल नीलम न होने देंगे
हर तूफान को मोड़ दे जो हिंदुस्तान से टकराएगा।
चाहे तेरा सीना हो छलनी तिरंगा ऊँचा ही लहराएगा।।
धरती सुनहरी अमबर नीला
हर मौसम रंगीला ऐसा देश है मेरा
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मात्रभूमी की शान का है
हम लहरायेंगे हर जगह यह तिरंगा
नशा यह मेरे हिंदुस्तान की शान का है
इस दुनिया मे है आशिक कई
पर वतन से प्यारा कोई सनम नहीं
तिरंगे मे लिपट कर मर जाऊ मे
क्योकि इससे प्यारा कोई कफ़न नहीं
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